रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय के अध्ययन दल ने की सौजन्य मुलाकात…

रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय के अध्ययन दल ने की सौजन्य मुलाकात…

विदेशी अधिकारियों को खूब भाया छत्तीसगढ़

अंडर स्टैंडिंग इंडिया मॉड्यूल के तहत छत्तीसगढ़ पहुंचा 16 अधिकारियों का दल

अमेरिका, कजाकिस्तान, सऊदी अरब, बांग्लादेश और नेपाल से आए मित्र देशों के अधिकारी भी हैं शामिल

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज यहां पहुना स्थित उनके निवास कार्यालय में राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय से छत्तीसगढ़ प्रवास पर पहुंचे अधिकारियों के अध्ययन दल ने सौजन्य मुलाकात की।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ पहुंचे सभी अधिकारियों का राज्य में स्वागत किया। मुख्यमंत्री को अध्ययन दल के अधिकारियों ने बताया कि महाविद्यालय में एक वर्षीय पाठ्यक्रम में शामिल 6 सप्ताह के अंडर स्टैंडिंग इंडिया मॉड्यूल के तहत 120 अधिकारियों का दल 8-8 अलग-अलग राज्यों का दौरा कर रहा है।

इसी क्रम में 16 अधिकारियों का दल छत्तीसगढ़ पहुंचा है, जो प्रदेश में आंतरिक सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं सहित राज्य में हो रहे विकास कार्याें और गतिविधियों का अध्ययन करेगा। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव भी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री साय ने अध्ययन दल के अधिकारियों से चर्चा करते हुए छत्तीसगढ़ की भौगोलिक स्थिति, सामाजिक-सांस्कृतिक विशेषताओं सहित जनजातीय बाहुल्य इलाकों के विशेष संदर्भ में महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की।

उन्होंने राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, उद्योग, महिला सशक्तिकरण के साथ ही विकास से जुड़े विषयों पर अध्ययन दल से चर्चा की।

मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ बहुत सुन्दर प्रदेश है। यहां खनिज सम्पदाओं, वन सम्पदाओं के विपुल भण्डार मौजूद है। प्राकृतिक सौंदर्य से समृद्ध छत्तीसगढ़ में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। हम छत्तीसगढ़ की विशिष्टताओं कोे विश्व पटल पर पहचान दिलाने के लिए कृत संकल्पित होकर कार्य कर रहे है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई और अदंरूनी क्षेत्रों में विकास कार्यो और जनकल्याणकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन से  माओवादी आतंकवाद का दायरा सिमट गया है। हमनें माओवादी आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में तेजी लाई है।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में जनजाति बाहुल्य इलाकों में विकास को गति देने के लिए आदिवासी विकास प्राधिकरण बनाए गए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में जनजातीय मंत्रालय बनाया गया था, जो आदिवासी बाहुल्य इलाकों के विकास में मील का पत्थर साबित हो रहा है।

हमने इसी रास्ते पर आगे बढ़ते हुए इन इलाकों के समावेशी की कार्ययोजना तैयार की है, जिसका जल्द ही क्रियान्वयन भी किया जाएगा।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के विकास के लिए बजट की कोई कमी नहीं है। सड़कों के विस्तार को भी बढ़ावा देना है, जिससे आवागमन सुगम होगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में महिला स्व-सहायता समूह बड़ी संख्या में कार्यरत है। पंचायत स्तर पर 10 से 12 महिलाओं का समूह विभिन्न आजीविका मूलक गतिविधियों से जुड़ा है।

जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमने निम्न-मध्यम वर्गीय परिवार की महिलाओं के आर्थिक उन्नयन के लिए राज्य में महतारी वंदन योजना की शुरूआत की दी है।

इस दौरान मुख्यमंत्री साय ने दंतेवाड़ा के जावंगा एजुकेशन सिटी और राम कृष्ण मिशन द्वारा आदिवासी युवाओं के उत्थान के लिए किए जा रहे कार्याें का विशेष रूप जिक्र किया। जिस पर अधिकारियों ने बताया कि वे इन इलाकों का भ्रमण करेंगे।  

मुख्यमंत्री से हुई सार्थक चर्चा पर अधिकारियों ने कहा कि भारत को जानने समझने में छत्तीसगढ़ की उनकी यह यात्रा बड़ी लाभदायक सिद्ध होगी। छत्तीसगढ़ से वे नये अनुभव साथ लेकर जाएंगे, जो उनके कार्य क्षेत्र में भी उपयोगी साबित होगी।

भारत को जानने निकले विदेशी दल को खूब भाई छत्तीसगढ़ की सुन्दरता
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से चर्चा के दौरान अध्ययन दल के प्रभारी मेजर जनरल सामर्थ्य नागर ने बताया कि हमने जैसा सोचा था, छत्तीसगढ़ उससे कही अधिक सुन्दर है।

उन्होंने बताया कि अध्ययन दल में शामिल पांच मित्र देशों – अमेरिका, कजाकिस्तान, सऊदी अरब, बांग्लादेश और नेपाल के साथी अधिकारियों को छत्तीसगढ़ का प्राकृतिक सौंदर्य खूब भाया है। उन्होंने बताया कि साथी अधिकारी छत्तीसगढ़ की इस सुन्दर यात्रा को लेकर बहुत उत्सुक और खुश हैं।  

अध्ययन दल में आईपीएस मानविन्दर सिंह भाटिया, एयर कमोडोर भुवन माथुर, ब्रिगेडियर वैभव मिश्रा, वैभव अग्रवाल, एस. सेन, विक्रांत पाटिल, टी. के. मिश्रा, व्ही. गणपति, बांग्लादेश से आए कमोडोर मोहम्मद फैजल हक, सऊदी अरब से कर्नल युसुफ बिन गाजी अल ओतैबी, नेपाल से कर्नल बिमल कुमार बासनेत, कजाकिस्तान से कर्नल जोल्डस नेसिपबायेव, अमेरिका से कर्नल डाना डेमर, डीआरडीओ से डॉ. कमल किशोर पंत, आईएनएएस से कवल सिंह शामिल रहे।

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