एक्टर को पर्दे पर निभाए किरदारों के आधार पर नहीं आंका जा सकता

एक्टर को पर्दे पर निभाए किरदारों के आधार पर नहीं आंका जा सकता

मुंबई। अभिनेत्री सारा खान का कहना है कि अभिनेताओं को पर्दे पर निभाए किरदारों के आधार पर नहीं आंका जा सकता है। सारा मानती है कि उन्हें टाइपकास्ट होने की भी चिंता नहीं है। सारा खान इन दिनों छठी मैया की बिटिया में दिख रही हैं। अपने नए किरदार को लेकर उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि लोग अब अभिनेताओं को केवल उनकी स्क्रीन पर निभाई भूमिकाओं के आधार पर आंकते हैं। सोशल मीडिया अब इतना प्रचलित है कि लोग अभिनेताओं के बारे में उनकी प्रोफाइल के जरिए जान सकते हैं और देख सकते हैं कि वे अपने निभाए पात्रों से परे कैसे दिखते हैं? इसलिए मैं टाइपकास्ट होने को लेकर फिक्रमंद नहीं हूं क्योंकि इससे लोगों को हमें बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलती है और करियर में नए अवसर मिलते हैं।
सारा खान ने कहा कि कई साल पहले जब अभिनेता टाइपकास्ट होने की चिंता करते थे। लेकिन अब यह चिंता का विषय नहीं है। सोशल मीडिया दर्शकों और निर्माताओं को अभिनेताओं की भूमिकाओं से परे उनकी प्रतिभा को देखने का मौका देता है, जिससे हमें अन्य कौशल दिखाने और पिछले किरदारों के आधार पर किसी भी पूर्वाग्रह को बदलने का मौका मिलता है। सारा खान छठी मैया की बिटिया में देवी की भूमिका निभा रही हैं।
शो के बारे में सारा ने कहा कि जब भी मैं कोई किरदार निभाती हूं, तो मैं तय करती हूं कि वह किरदार कितना अहम है। किसी भूमिका को निभाने के लिए एक्टर के लिए यह जानना जरूरी होता है कि उसे क्या एक्सपोजर मिलेगा। जब मैंने देखा कि किरदार के कई रंग है तो लगा इसमें संभावनाएं अपार हैं। सारा ने 2007 में सपना बाबुल का…बिदाई से डेब्यू किया था। इसके बाद उन्हें शो प्रीत से बांधी ये डोरी राम मिलाई जोड़ी में देखा गया, जहां उन्होंने प्रियल गोर की जगह ली। 2013 में जुनून-ऐसी नफरत तो कैसा इश्क में दिखीं। सारा खान ने ससुराल सिमर का, वी द सीरियल, प्यार तूने क्या किया, एनकाउंटर, तुझसे, हाय राब्ता, भाग्यलक्ष्मी, सौभाग्यलक्ष्मी और जाना ना दिल से दूर जैसे शो में अहम भूमिकाएं निभाईं हैं और लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई है।

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