हरियाणा में अकेली दम पर चुनाव लड़ने का दम भरने वाली कांग्रेस अब आप के साथ करेगी गठबंधन

हरियाणा में अकेली दम पर चुनाव लड़ने का दम भरने वाली कांग्रेस अब आप के साथ करेगी गठबंधन

चंडीगढ़। राजनीति में कब क्या हो जाए कोई नहीं जानता। कब बयान बदल जाए और कब गठबंधन टूट जाए किसी को पता नहीं होता है। फिर चुनावी बेला हो तो बयानों का बदलना कोई मायने नहीं रखता है। हरियाणा में अकेले विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी कांग्रेस पार्टी अब प्रदेश में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन कर सकती है।कांग्रेस पार्टी ने इसके लिए एक कमेटी भी बनाई है, जो की आम आदमी पार्टी से गठबंधन की संभावनाओं को लेकर चर्चा करेगी। अहम बात यह कि हरियाणा के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा ने प्रदेश में अकेले विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कही थी, लेकिन अब गठबंधन को लेकर आम आदमी पार्टी से मीटिंग का दौर चल रहा है। आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी से हरियाणा में गठबंधन को लेकर बातचीत के लिए कांग्रेस ने समिति बनाई है। स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन अजय माकन, हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया और भूपिंदर सिंह हुड्डा सदस्य और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल सुपरवाइज करेंगे। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, आप को 5 और सपा को 1 सीट देने को कांग्रेस तैयार है। कांग्रेस की आप और सपा के बीच औपचारिक बातचीत शुरू हो चुकी है। हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष दीपक बाबरिया गठबंधन को लेकर कहना है कि गठबंधन पर चर्चा चल रही है और बातचीत का सिलसिला जारी है। उधर, हरियाणा में आप के प्रदेशाध्यक्ष सुशील गुप्ता का कहना है कि शीष नेताओं के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही है।
हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने आम आदमी पार्टी से हरियाणा और चंडीगढ़ में गठबंधन किया था। चंडीगढ़ में कांग्रेस को इसका फायदा भी हुआ था और कांटे के मुकाबले में दोनों पार्टियों के साझा प्रत्याशी मनीष तिवारी की जीत हुई। इसी तरह, मेयर चुनाव में भी कांग्रेस और आप एक साथ लड़े थे और दोनों पार्टियों का ही मेयर और डिप्टी चंडीगढ़ में बना था। पंजाब लोकसभा चुनाव में भी गठबंधन की वजह से दोनों पार्टियों को फायदा हो सकता था। लेकिन अलग अलग लोकसभा चुनाव लड़ा गया। हरियाणा लोकसभा चुनाव में कुरुक्षेत्र सीट आम आदमी पार्टी को दी गई थी। लेकिन यह सीट भाजपा जीती। जबकि कांग्रेस ने कुल पांच सीटें जीती थी। कांग्रेस नेता कहते है कि यह सीट भी पार्टी जीत सकती थी। दरअसल, हरियाणा में सत्ता विरोधी लहर की वजह से कांग्रेस ने अकेले विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया। इससे पहले, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का लोकसभा चुनाव में चंडीगढ़ और हरियाणा में गठबंधन हुआ था। विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद से कांग्रेस पार्टी अकेले विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कह रही थी। लेकिन अब कांग्रेस को लगता है कि हरियाणा में जेजेपी, इनेलो और आप की वजह से वोटों का बिखराव हो सकता है। ऐसे में कांग्रेस को डर है कि वोटों के बिखराव से उसे नुकसान हो सकता है और कुछ सीटों का नुकसान हो सकता है।
हरियाणा में यदि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में गंठबंधन होगा तो कुछ हद तक दोनों ही पार्टियो को फायदा होगा। कांग्रेस पांच सीटें आम आदमी पार्टी को देना चाहती है, ताकि नॉन जाट वोट भी कांग्रेस को मिल सके। वहीं, आम आदमी पार्टी 10 सीटें मांग रही है, लेकिन यदि उसका एक भी प्रत्याशी जीत हासिल करता है तो आम आदमी पार्टी के लिए फायदे का सौदा होगा और हरियाणा में भी उसकी एंट्री हो जाएगी। इसके अलावा, यदि पार्टी कोई भी सीट जीतती भी नहीं है तो गठबंधन में चुनाव लड़ने से उसका वोट शेयर बढ़ जाएगा, जिसका उसे सियासी तौर पर लाभ मिलेगा। हालांकि, आम आदमी पार्टी के लिए एक मुश्किल यह भी है कि हरियाणा में उसके पास कोई बड़ा चेहरा नहीं है, जो कि अपने दम पर वोट हासिल करने का दम रखता हो। यही वजह से थी हुड्डा गठबंधन से इंकार कर रहे थे। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी से गठबंधन को लेकर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा हमेशा ही इंकार करते रहे हैं। दोनों नेताओं ने कहा था कि हरियाणा में कांग्रेस अकेले ही चुनाव लड़ेगी। वहीं, कांग्रेस के दिग्गज नेता कैप्टन अजय यादव ने भी इस मामले पर बयान दिया है और कहा कि मेरी निजी राय आम आदमी पार्टी का हरियाणा में कोई जनाधार नहीं है। लेकिन राहुल गांधी जी इंडिया गठबंधन के तहत पूरे देश में आप पार्टी से गंठबंधन की बात कर रहे हैं, जो सही है। गौरतलब है कि 2019 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 46 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन सभी सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो गई थी।

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