पूर्व केंद्रीय मंत्री पचौरी ने किया आर.एम.पी .सिंह की किताबों का विमोचन

पूर्व केंद्रीय मंत्री पचौरी ने किया आर.एम.पी .सिंह की किताबों का विमोचन

भोपाल / पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आज मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार एवं जनसंपर्क के पूर्व अपर संचालक आरएमपी सिंह की पुस्तक रामचरित मानस में संवाद संप्रेषण और परिहार शासको के उत्थान एवं पतन का विमोचन किया|  श्री पचौरी ने कहा कि समाज के विकास और रचनात्मक समझ कायम रखने में मीडिया और लेखकों की महत्वपूर्ण भूमिका है समाज का दायित्व कि वह समय पर लेखकों सम्मानित करे| श्री पचौरी ने आरएमपी सिंह द्वारा रचित रामचरितमानस में संवाद संप्रेषण पुस्तक के द्वितीय संस्करण और परिहार शासको के उत्थान एवं पतन का विमोचन करते हुए कहा कि यह गर्व की बात है मध्य प्रदेश के रहने वाले श्री आरएमपी सिंह ने देश के लिए काफी कुछ किया है वर्तमान दौर में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका समाज को देखने में मिल रही है लेकिन श्री सिंह ने बताया है कि रामायण काल  में भी संवाद संप्रेषण की महत्वपूर्ण भूमिका रही है रामायण काल में भी मीडिया की भूमिका के महत्व को इस किताब में रेखांकित किया गया है श्री सिंह ने रामायण काल में हुई पत्रकार वार्ता का भी इस पुस्तक में जिक्र किया है |यह एक बड़े सौभाग्य की बात है जब पूरा देश राम मय है और हम राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के 1 साल पूर्ण करने जा रहे हैं ऐसे अवसर पर इस पुस्तक का समाज के सामने आना अत्यंत महत्वपूर्ण है उन्होंने अपनी तरफ से लेखक को साधुवाद  देते हुए कहा कि यह किताब आने वाले कई पीढियां के लिए शोध का विषय होगी| पुस्तकों के लेखक आरएमपी सिंह ने कहा कि मुझे इस किताब लेखन की प्रेरणा शेक्सपियर की कविता डिवालिंग टाइम से मिली| पुस्तक लेखन के प्रति मेरा रुझान शेक्सपियर की किताबें पढ़ने के बाद ही जागृत हुआ समय सब कुछ बदल सकता है लेकिन लेखक के लेखन को कभी नष्ट नहीं कर सकता जिसका जीता जागता उदाहरण है रामायण ,गीता ,महाभारत, कुरान बाइबल जैसे अन्य कई महत्वपूर्ण कृतियां जो आदि अनादि काल से समाज को दिशा दिखाने का कार्य कर रही है|
इस अवसर पर  राजनीतिक विश्लेषक एवं स्वदेश न्यूज़ चैनल के सलाहकार संपादक कृष्ण मोहन झा ने कहा की श्री आरएमपी सिंह ने लगभग 12 किताबों की रचना की है विभिन्न विषयों पर लिखी गई किताबें आज भी युवाओं के लिए लाभदायक है रामचरितमानस में संवाद संप्रेषण किताब के प्रथम संस्करण का जब विमोचन हुआ था उस समय मुझे याद है कि तत्कालीन जनसंपर्क मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने कहा था कि यह किताब समाज खुले दिल से स्वीकार करेगा और यह किताब इतनी बिकेगी की प्रकाशक को तीन चार संस्करण प्रकाशित करने पड़ेंगे |आज मुझे उनकी यह बात सच साबित होते हुए दिखाई दे रहा है श्री सिंह ने जनसंपर्क पर भी चार किताबों का लेखन किया है,| इस अवसर पर डिजियाना मीडिया समूह के फाउंडर ग्रुप एडिटर रिजवान अहमद सिद्दीकी ने कहा की लेखक समाज को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करता है श्री आरएमपी सिंह की है किताब परिहार शासको को समझने का अवसर प्रदान करेगी साथ ही रामचरितमानस के विभिन्न पहलुओं के साथ संवाद संप्रेषण भी यह बताने का प्रयास करेगी  की पुरातन काल में भी मीडिया की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है स्वरूप भिन्न जरूर रहा हो|
कार्यक्रम की शुरुआत में अतिथियों का स्वागत फूल माला के साथ श्रीमती रागिनी सिंह ने किया और आभार प्रदर्शन मीनाक्षी सिंह ने किया, इस अवसर पर सीआरपी सिंह की पोतियां tiaara और निहारा ने भी अपने विचार व्यक्त किया|

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